सभी ग्रहों का एक ही उपाय- पूरी जानकारी | सभी ग्रहों का एक उपाय, एक मंत्र- ज्योतिष रहस्य
प्रिय पाठकों, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों की शांति के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय किए जाते हैं। ग्रहों का उपाय सामान्यतः इसलिए किया जाता है ताकि उस ग्रह का दुष्प्रभाव हम पर न पड़े। ग्रहों का मानव जीवन से बहुत बड़ा घनिष्ठ संबंध है।
जब व्यक्ति का जन्म होता है तो आकाश मंडल में उपस्थित ग्रह हमारे भविष्य का संकेत करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली में कोई ग्रह अच्छा तो कोई ग्रह बुरा भी होता है। बुरे ग्रहों की शांति के लिए जप, यज्ञ, अनुष्ठान एवं विभिन्न प्रकार के उपाय किए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं सभी ग्रहों का एक ही उपाय।
जी हां, आज के इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं- सभी ग्रहों का एक ही उपाय। एक ऐसा उपाय जिसके द्वारा आप सभी नवग्रहों को शांत कर सकते हैं। जी हां, यह बिल्कुल संभव है यदि आपकी जन्मकुंडली में अधिकांश ग्रह खराब फल दे रहे हैं तो ऐसी स्थिति में आप सभी ग्रहों का एक साथ उपाय कर सकते हैं।
वैसे तो सभी ग्रहों का एक ही उपाय विभिन्न तरीके से किया जा सकता है। जैंसे कि जप, अनुष्ठान आदि के द्वारा, किंतु आज के इस आर्टिकल में हम आपको सभी ग्रहों का एक ही उपाय कैसे करें, इसका क्या तरीका है, इसकी सबसे आसान विधि बता रहे हैं।
तो आइए, इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए ताकि आप भी अपनी जन्म कुंडली में बुरे ग्रहों की शांति के लिए उनका उपाय कर सकें और अपने जीवन की समस्याओं को आसानी से दूर कर सकें।
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सभी नवग्रहों का जीवन पर प्रभाव
जीवन में जन्म लेते ही सूर्य आदि नव ग्रहों का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक ग्रह व्यक्ति के जीवन में कोई ना कोई अच्छा या बुरा प्रभाव अवश्य डालता है। यह बात इस पर निर्भर करती है कि ग्रह किस भाव में, किस राशि में बैठा हुआ है।
ग्रह पर किसकी दृष्टि पड़ रही है। ग्रह शत्रु राशि में है या मित्र राशि में- इत्यादि जन्म कुंडली के भावों को देख कर नव ग्रहों का पता लगाया जाता है कि कौन सा ग्रह जीवन पर अच्छा या बुरा प्रभाव डाल रहा है। यदि आप अपनी जन्म कुंडली दिखवाना चाहते हो तो हमें व्हाट्सएप पर मैसेज कर सकते हैं।
यहां तक कि नवग्रहों के विषय में शास्त्रों में यह भी लिखा है कि नवग्रह साक्षात भगवान विष्णु के अवतार रूप में हैं या यूं कहें कि सभी नवग्रह भगवान विष्णु का रूप ही हैं। जीवन के अच्छे बुरे कर्मों का जो फल मिलता है। उसी को हमारी जन्मकुंडली हमारे सामने खोल कर रख देती है।
जो कि 12 राशियों एवं नवग्रहों के द्वारा स्पष्ट होता है। नव ग्रहों का जीवन के हर एक क्षेत्र में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। अतः नवग्रहों की शांति अवश्य करनी चाहिए। नव ग्रहों का पूजन करने का अभिप्राय है कि हम साक्षात भगवान नारायण का ही पूजन कर रहे हैं। जो कि मोक्ष का द्वार है। अतः आज के इस लेख में हम आपको सभी ग्रहों का एक ही उपाय बता रहे हैं।
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सभी ग्रहों का एक ही मंत्र
आपके मन में भी यह सवाल जरूर होगा कि सभी ग्रहों का एक ही मंत्र क्या है। जी हां, यदि आप सभी ग्रहों का एक ही उपाय कर रहे हैं तो यह भी एक सबसे बेहतरीन उपाय है कि आप सभी ग्रहों का एक ही मंत्र के द्वारा जाप करें।
इसके लिए आपको सभी ग्रहों का एक ही मंत्र पता होना चाहिए। वैसे तो पूजन एवं कर्मकांड में सभी नव ग्रहों के लिए विभिन्न प्रकार के मंत्र हैं। जिनमें से कुछ मुख्य प्रसिद्ध मंत्र निम्नलिखित हैं। इन मंत्रों में सभी ग्रहों का स्मरण एवं उनसे प्रार्थना की गई है।
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी
भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च।।
गुरुश्च शुक्रः शनिराहुकेतवः।
सर्वे ग्रहाः शान्तिकराः भवन्तु।।
सूर्यशौर्यमथेन्दुरुच्चपदवीं सन्मंगलं मगलं
सद्बुद्धिश्च बुधो गुरुश्च गुरुतां शुक्रः सुखं शं शनिः।।
राहुर्बाहुबलं करोतु सततं केतुः कुलस्योन्नतिं
नित्यं प्रीतिकराः भवन्तु सततं सर्वेsनुकूला ग्रहाः।।
सभी नवग्रह को प्रसन्न करने के उपाय
यदि आप सभी नवग्रहों को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग उपाय करना चाहते हैं। तो हमारे पिछले लेखों को पढ़ सकते हैं। अथवा हमसे संपर्क भी कर सकते हैं। सामान्य रूप से सभी नव ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए उनके विशेष उपाय यहां बताए जा रहे हैं।
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सूर्य ग्रह का उपाय
यदि जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह बुरा प्रभाव दे रहा हो। सूर्य कुंडली के दशम, सप्तम, छठे भाव में स्थित हो तो ऐसे जातक को हड्डियों संबंधित रोग, कार्यक्षेत्र में बाधा, शारीरिक पीड़ा एवं अग्नि तत्व संबंधित रोग हो सकते हैं।
इसके लिए व्यक्ति को सूर्य ग्रह का उपाय करना चाहिए। सूर्य ग्रह को प्रतिदिन अर्घ्य प्रदान करें। नदी में जाकर गुड़ एवं तांबा प्रवाहित करें। सूर्य ग्रह का जप करवाएं।
चंद्र ग्रह का उपाय
यदि जन्म कुंडली में चंद्र ग्रह अशुभ हो तो व्यक्ति को मानसिक समस्याएं होने लगती हैं। इसके अतिरिक्त जल तत्व से संबंधित रोग भी होते हैं। चंद्र ग्रह की शांति के लिए चंद्र ग्रह का जप करवाएं।
सोमवार के दिन व्रत लें तथा चांदी व चावल का दान करें। जिस व्यक्ति का चंद्र ग्रह निर्बल हो या अशुभ फल दे रहा हो तो ऐसे जातक को भोजन भी चांदी के बर्तन में करना चाहिए।
मंगल ग्रह का उपाय
कुंडली में मंगल ग्रह खराब हो तो जातक का जीवन बहुत ही ज्यादा समस्या भरा रहता है। जीवन में क्रोध बहुत ज्यादा होता है। रक्त संबंधित रोग होने लगते हैं। संतान की समस्या होती है। विवाह में भी समस्याएं देखने को मिलती है। सिरदर्द, रक्त विकार, नेत्र रोग जैसी समस्याएं होती है।
मंगल ग्रह की शांति के लिए किसी बहन को लाल कपड़ा दान करें। मूंगा रत्न व मसूर दाल का दान करने से भी मंगल ग्रह की शांति होती है। मंगल ग्रह का जाप एवं अनुष्ठान करवाएं।
बुध ग्रह का उपाय
जिस व्यक्ति का बुध कमजोर अथवा निर्बल होता है, जन्म कुंडली में बुध नीच हो तो ऐंसे जातक आत्मविश्वास से बहुत कमजोर होते हैं और गले से संबंधित रोगों से भी पीड़ित हो सकते हैं। इस प्रकार के जातक मदिरापान, जुआ, भोगविलास आदि में भी लिप्त रहते हैं।
बुध ग्रह की शांति के लिए बुध ग्रह का जाप एवं अनुष्ठान करवाएं। गले में तांबे का सिक्का धारण कर सकते हैं। बुधवार के दिन भीगी मूंग को दान में दें।
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बृहस्पति ग्रह का उपाय
कुंडली में बृहस्पति ग्रह खराब हो तो व्यक्ति का जीवन मान सम्मान से हीन हो जाता है। इस प्रकार के लोगों पर झूठे आरोप भी लगते हैं। गंजापन तथा पीलिया आदि रोग होते हैं।
बृहस्पति ग्रह की शांति के लिए पीपल के पेड़ में बृहस्पतिवार को जल चढ़ाएं एवं धूप दीप आदि जलाएं। बृहस्पति शांति के लिए बृहस्पति का जप अनुष्ठान करवाएं। किसी ब्राह्मण को पीले कपड़े दान में दें। इससे बृहस्पति ग्रह प्रसन्न होते हैं।
शुक्र ग्रह का उपाय
शुक्र ग्रह के निर्बल होने से अथवा शुक्र ग्रह यदि अशुभ हो तो व्यक्ति के जीवन में सुख अधिक नहीं होता है। स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, चर्म रोग आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं। ऐसे व्यक्ति को जीवन में काम सुख भी नहीं मिल पाता है।
शुक्र ग्रह की शांति के लिए व्यक्ति को दही का दान करना चाहिए। जिन पुरुषों का शुक्र कमजोर हो उन्हें स्त्रियों का हमेशा सम्मान करना चाहिए।
शनि ग्रह का उपाय
कुंडली में शनि ग्रह के अशुभ होने पर आर्थिक समस्याएं, अग्निदाह, गठिया रोग, कोर्ट संबंधित समस्याएं देखने को मिलती हैं।
शनि ग्रह की शांति के लिए लोहा धारण करें। लोहे के बर्तनों पर बनाया हुआ भोजन करने से शनि ग्रह शांत होते हैं। शनिवार को नदी में मछलियों के लिए आटे की गोलियां दान करें। शनि ग्रह की शांति के लिए कुत्ता एवं कौवा को शनिवार के दिन अन्न दान करें।
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राहु ग्रह का उपाय
कुंडली में राहु ग्रह के अशुभ होने पर मानसिक रोग, क्षय रोग, शत्रु से भय, कारोबार में हानि जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। राहु ग्रह की शांति के लिए राहु का जाप एवं अनुष्ठान करवाएं। हाथी के पांव के नीचे की मिट्टी को कुएँ अथवा तालाब में डालें। इससे राहु ग्रह शांत होते हैं।
केतु ग्रह का उपाय
कुंडली में यदि केतु ग्रह खराब हो तो व्यक्ति को जीवन में विभिन्न शारीरिक रोगों से सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को फोड़ा फुंसी, पेशाब संबंधित रोग, लिंग संबंधित रोग होने लगते हैं।
केतु ग्रह की शांति के लिए ब्राह्मणों को कंबल दान करें। ब्राह्मणों द्वारा केतु का जप एवं अनुष्ठान करवाएं। यदि आप विस्तार से अपनी कुंडली दिखवाना चाहते हो तो हमें व्हाट्सएप कर सकते हैं अथवा किसी भी प्रकार का पूजन आदि करवाने के लिए हमसे निसंदेह बात कर सकते हैं।
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सभी ग्रहों का एक ही उपाय
यदि आप चाहते हैं कि जन्म कुंडली में सभी ग्रह एक साथ शांत हो जाएं। ऐसा कोई उपाय किया जाए जिससे कि सभी नव ग्रह शांत हों तो इसके लिए हम आपको कुछ विशेष अनुष्ठान एवं पूजा बता रहे हैं। इनसे सभी ग्रह शांत हो जाते हैं।
- महा रुद्राभिषेक करवाएं
- यथाशक्ति विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करवाएं
- सुंदरकांड का पाठ करें अथवा करवाएं।
- पुरुष सूक्त का पाठ करवाएं
- गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ व अनुष्ठान करवाएं।
उपरोक्त दिए गए उपाय सभी ग्रहों की शांति कर देते हैं। दिए गए उपायों में से कोई भी एक उपाय करने पर नवग्रहों की शांति हो जाती है। यदि आपको किसी भी प्रकार की समस्या एवं सहायता चाहिए हो तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। धन्यवाद।
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1 Comments
आपका लेख अतिसुन्दर है जो ग्रहो का व्यक्ति के जीवन मे किस प्रकार से असर करता है राशियो पर ग्रह केसे प्रभाव डालता है
ReplyDeleteयह जानकारी बहुत ही सुन्दर तरीके से जुटाई गई
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