कलयुग में कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए

कलयुग में कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए- शीघ्र मनोकामना होगी पूरी

बदलते समय के साथ-साथ देवताओं की पूजा का भी बदलता रूप नजर आ रहा है। देवता की पूजा कब करनी चाहिए और किस समय में किस देवता की पूजा करने का विधान है। यह जानना भी आवश्यक है। 

कलयुग में किस भगवान की पूजा करने से शीघ्र फल की प्राप्ति हो सकती है अथवा कलयुग में कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए यह जानना बहुत ही जरूरी है। 


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वैसे तो कलयुग में बहुत सारे भगवान ऐसे हैं जो शीघ्र फल प्रदान करने वाले माने जाते हैं लेकिन इनमें से कुछ ऐंसे देवी देवता हैं जिनकी पूजा करने से कलयुग के पापों से छुटकारा एवं सभी प्रकार की मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होने लगती हैं। 

कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिरि सुमिरि भव उतरहिं पारा।। 

अर्थात पापों से भरे इस कलयुग में भगवान का नाम मात्र लेने से ही सभी प्रकार के कष्ट, सभी प्रकार के पाप दूर हो जाते हैं इसीलिए गोस्वामी तुलसीदास ने यह बात कही। 

आइए जानते हैं कि कलयुग में कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए किस भगवान की पूजा करने से कलयुग में मुक्ति का द्वार खुल सकता है।


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कलयुग के देवता कौन है

इस कलिकाल में बाबा महाकाल की उपासना का विशेष महत्व बताया जाता है विशेष रुप से देवताओं में कलयुग में शिव का विशेष महत्व है। कलिकाल में देवता के रूप में शिव के विभिन्न अवतारों की पूजा की जाती है जो कि विशेष फलदायक मानी जाती हैं। 

कलयुग के देवता के रूप में बाबा महाकाल के विभिन्न अवतार जैंसे कि बाबा भैरवनाथ, एकादश रुद्र के रूप में श्री हनुमान जी, भगवान शंकर के अवतार श्री शनि देवता आदि माने जाते हैं। 


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कलयुग में कौन से भगवान जिंदा (अमर) है?

इस कलयुग में सात देवता आज भी मौजूद हैं। इन्हीं 7 देवताओं को कलयुग में सप्त चिरंजीवी के रूप में भी समझा जाता है। इन सात चिरंजीवी में भगवान हनुमान, श्री वेद व्यास, परशुराम, कृपाचार्य, अश्वत्थामा, बलि, विभीषण आज भी अमर हैं। 

जी हां, पवन पुत्र हनुमान के रूप में कहलाने वाले भगवान श्री हनुमान देवता वायु के साथ-साथ आज भी विश्व में विचरण करते रहते हैं।


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कलयुग में कितने लोग अमर हैं

कलियुग  में कुल 7 लोग अमर हैं। कलयुग के इन 7 देवताओं को सप्त चिरंजीवी भी कहते हैं इन सभी 7 देवताओं में श्री हनुमान जी विशेष सिद्धि दायक माने जाते हैं।



कलयुग में सबसे बड़ा देवता कौन है

कलयुग में सबसे बड़े देवता महाकाल हैं। महाकाल के विभिन्न अवतार जैंसा कि हनुमान, भैरवदेव, शनिदेव आदि कलयुग में सबसे बड़े देवता माने जाते हैं।


कलियुग में देवता कंहा रहते हैं

अक्सर हर किसी के मन में यह सवाल होता है कि कलयुग में देवता कहां निवास करते हैं। वैसे तो हर एक इंसान के हृदय में देवता का निवास होता है। 

लेकिन क्या मंदिर में भगवान रहते हैं अथवा भगवान का निवास कहां है और विशेष रूप से कलयुग में देवता कहां रहते हैं यह जानना भी जरूरी है। इसका सीधा-सीधा उत्तर है कलयुग में देवताओं का निवास पवित्र स्थान, तीर्थ नदी एवं पवित्र ह्रदय में ही होता है।


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कलयुग में कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए

विशेष प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति के लिए कलयुग में हनुमान भगवान की पूजा करने का विशेष विधान बताया गया है क्योंकि हनुमान जी आज भी वायु के साथ विचरण करते रहते हैं। वायु के रूप में सर्वत्र हनुमान जी की पूजा करने का विशेष फल मिलता है। भगवान हनुमान जी की पूजा करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। 

स्त्री को हनुमान जी की पूजा करने के लिए काफी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यहां तक कि शास्त्रों में कहा गया कि स्त्री हनुमान जी की पूजा नहीं कर सकती है। भगवान हनुमान पूर्ण ब्रह्मचारी हैं जो भी भक्त भगवान हनुमान की पूजा करता है। 

हनुमान जी की पूजा करने का सबसे पहला विधान यही है कि भक्तों को ब्रम्हचर्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मानसिक ब्रम्हचर्य, शारीरिक ब्रह्मचर्य आदि सभी प्रकार से पवित्र होकर इस कलयुग में शीघ्र मनोकामना की पूर्ति के लिए हनुमान जी की पूजा करने से विशेष फल मिलता है।


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हनुमान जी की पूजा करने का विधान

पुरुष और स्त्री दोनों के लिए हनुमान की पूजा करने के अलग-अलग नियम हैं। स्त्री को विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए। विशेष परिस्थिति में स्त्री पवित्र होकर हनुमान चालीसा , बजरंग बाण आदि का पाठ कर सकती है। 

वहीं दूसरी और पुरुष भगवान हनुमान जी की साधना भी कर सकता है और सुंदरकांड का पाठ करना भी सिद्धिदायक माना जाता है। भगवान हनुमान को राम गुणगान करना बहुत पसंद है। अतः हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए श्री राम स्तोत्र का पाठ करना भी अभीष्ट है।

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