कारगिल विजय दिवस पर कविता | Best Kargil Poem by Shaba Rao | Poem On Kargil Vijay Diwas In Hindi

कारगिल विजय दिवस पर कविता |Best Kargil Poem by Shaba Rao | Poem On Kargil Vijay Diwas In Hindi |Kargil Vijay Diwas Par Kavita, कारगिल विजय दिवस पर शायरी

तेरी मिट्टी में मिल जांवा, गुल बण के मैं खिल जावां- इतनी सी है दिल की आरजू़। जी हाँ, आज हम आपको भारत के उन वीर सपूतों की याद दिलाने जा रहे हैं, जिन्होंने इस धरती माँ के लिए अपनी अंतिम सांस भी समर्पित कर दी। 

जी हां, भारत की नंबर वन इस SanskritExam. Com वेबसाइट में आप सभी का हार्दिक स्वागत है. आज की इस कविता श्रृंखला में कारगिल विजय दिवस पर कविता प्रस्तुत की जा रही है. आपको पता होगा कि प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इसकी पूरी गाथा आपने जरूर सुनी ही होगी. यदि नहीं भी सुनी हो तो आज इस कविता के माध्यम से आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगा. 

कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सपूतों की याद दिलाने वाली, कारगिल विजय दिवस पर यह एक बेहतरीन कविता आपको इतिहास के पन्ने खोलकर बता देगी। यह कविता- काव्य लेखन में निपुण, विशेष कवयित्री सुश्री शबा राव द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कारगिल विजय दिवस एवं कारगिल के वीर जवानों के बारे में बहुत कुछ बताया गया है. 

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आइए, Shaba Rao द्वारा लिखी गयी, आज की इस जोश जगाने वाली एवं शहीदों का स्मरण दिलाने वाले कारगिल विजय दिवस पर कविता (Poem On Kargil Vijay Diwas In Hindi) को पढ़कर अपने उन वीर जवानों को याद करिए, जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राणों को भी निछावर कर दिया और जिनकी बदौलत आज हम सभी लोग आजादी के उत्सव मनाते आ रहे हैं। (Kargil Vijay Diwas Par Kavita, कारगिल विजय दिवस पर शायरी व कविता)


कारगिल विजय दिवस पर कविता /Poem On Kargil Vijay Diwas In Hindi


🇮🇳 कारगिल विजय दिवस पर कविता 🇮🇳
शीर्षक- शूरवीरों को नमन

 आज कारगिल दिवस का आयोजन है,
 आओ सब मिलकर शूरवीरों को नमन करते हैं,
 26 जुलाई को ऐतिहासिक दिन के लिए याद करते हैं,
 और अपनी जीत का जश्न धूमधाम से मनाते हैं।।

 भारत और पाकिस्तान की यह लड़ाई थी,
 कारगिल की चोटी पर दुश्मनों ने पनाह पाई थी,
 और नई-नई साजिशें भारत के खिलाफ रची थीं
 पर हमारे वीर जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी।

 हमारे शूरवीरो ने चोटी पर फतह पाई थी,
 दुश्मनों की सेना को नसतेनाबूद फरमाई थी,
 अपनी प्यारी भारत मां की लाज बचाई थी,
 और जश्न‌ ए ईद की खुशियां पाई थी।।

 भारत के शूरवीरों की यह कहानी है,
 देश की रक्षा के खातिर कुर्बान हो जाते हैं,
 पर दुश्मनों पर फतह हासिल कर लेते हैं,
 और भारत माता की जय कहते हुए शहीद हो जाते हैं।।

 कारगिल की चोटी पर झंडा हमने फहराया था,
 पाकिस्तानियों को वहां से मार भगाया था,
 यह हमारे वीर योद्धा का ही हिम्मत का खजाना था,
 कि धरती मां की लाज को दुश्मनों से बचाया था।।


रचयित्री/कवयित्री- शबा राव
Composed by Miss. Shaba Rao 
Postgraduated B.S.M Degree Collage, Roorkee (Haridwar) U.K.
👆🌺❤🌿❤👆


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शबा राव द्वारा रचित कारगिल दिवस पर कविता का भावार्थ

उपरोक्त कारगिल विजय दिवस पर कविता / Poem On Kargil Vijay Diwas In Hindi में सुश्री शबाराव ने कारगिल युद्ध की पूरी पृष्ठभूमि को सुंदर व सरस शैली में प्रस्तुत किया है। कारगिल युद्ध किसके बीच में हुआ था, क्यों हुआ था, इन सभी बातों की जानकारी सुंदर काव्य पंक्तियों के द्वारा प्रस्तुत की गई है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुश्री शबा राव (Miss Shaba Rao) काव्य लेखन में बहुत ही निपुण हैं। इनकी कविताएँ गागर में सागर भरने जैंसी होती हैं। इन्हें सद्यस्क कवयित्री कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। किसी भी विषय पर यह तत्काल कविता लिखने में बहुत निपुण हैं। 


इनका नाम शबा राव है। ये 5 वर्षो से लिख रहे /रही हैं। इनकी उच्च शिक्षा B. S. M degree collage, Roorkee (Haridwar ) से पूर्ण हुई है। ये बहेड़ी राजपूतान, जिला हरिद्वार, तहसील रुड़की (उत्तराखंड ) की निवासी हैं। इनको कविताएं और शेरो शायरी लिखना बहुत पसंद है। इनकी अनेकों कविताएं अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं। अमर उजाला के काव्य पोर्टल पर भी इनकी विभिन्न कविताएं प्रकाशित हैं। 


प्रिय पाठकों, कविता की इस शृंखला में आज की यह- कारगिल विजय दिवस पर कविता (Poem On Kargil Vijay Diwas In Hindi) निस्संदेह भारतभूमि के उन वीर सपूतों का स्मरण दिलातिओ है, जिन्होंने अपनी जान को हथेली पर रखकर इस वसुन्धरा माँ के लिए कुर्बान कर दिया। 

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