शास्त्री तथा चित्रपट संगीत में क्या अंतर है | शास्त्री तथा चित्रपट संगीत में क्या अंतर है- सच्चाई

शास्त्री तथा चित्रपट संगीत में क्या अंतर है- समझ लो | शास्त्री तथा चित्रपट संगीत में क्या अंतर है- सच्चाई | Shastri Tatha Chitrapat Sangeet Mein Antar

बदलते समय के साथ-साथ संगीत में अंतर आना भी स्वाभाविक है। शास्त्री तथा चित्रपट संगीत दोनों एक दूसरे के विपरीत से लगते हैं। वर्तमान में शास्त्री संगीत की जगह चित्रपट संगीत की अत्यधिक लोकप्रियता है। 

प्राचीन काल में शास्त्री संगीत पर विशेष ध्यान दिया जाता था। मूल रूप से संगीत सामवेद से लिया गया है। समय के साथ-साथ संगीत का भी रूप बदलता गया। 

प्यारे पाठकों, शास्त्री संगीत व चित्रपट संगीत क्या होता है? शास्त्री तथा चित्रपट संगीत में क्या अंतर है- आज हम आपको यह स्पष्ट करने जा रहे हैं। तो आइये, शास्त्री तथा चित्रपट संगीत में अंतर तथा कुछ विशेष बातें समझिए‌।


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शास्त्री संगीत क्या होता है?

मानव जीवन में संगीत का संबंध अनादिकाल से रहा है। संगीत के सात स्वर जीवन के विभिन्न रहस्यों को छिपाए हुए हैं। शास्त्रीय संगीत राग रागिनी पर आधारित होता है। 

प्राचीन काल में संगीत को मूल रूप में गाया व बजाया जाता है। संगीत का वास्तविक प्राचीन मूल रूप ही शास्त्री या शास्त्रीय संगीत कहलाता है। इसी को अंग्रेजी में क्लासिकल म्यूजिकल के रूप में भी जानते हैं।


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चित्रपट संगीत किसे कहते हैं

वर्तमान की भाग दौड़ भरी जिंदगी में मनोरंजकता एवं आनंद प्राप्ति के लिए संगीत को आधार बनाया जाता है। आधुनिक संगीत को ही चित्रपट संगीत के रूप में भी समझ सकते हैं। चित्रपट संगीत वह संगीत होता है जिसमें गंभीरता के बजाय चंपलता व  मनोरंजकता पर ध्यान दिया जाता।


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शास्त्री तथा चित्रपट संगीत में क्या अंतर है

आइए, शास्त्रीय संगीत तथा चित्रपट संगीत दोनों का सामान्य परिचय समझते हुए, दोनों में क्या अंतर स्पष्ट होता है- यह भी जानना अति आवश्यक है। अतः शास्त्री तथा चित्रपट संगीत में अंतर का स्पष्टीकरण देख लीजिए।

शास्त्री तथा चित्रपट संगीत में अन्तर

     शास्त्री संगीत

        चित्रपट संगीत

     शास्त्री संगीत गंभीरता से युक्त होता है।

     चित्रपट संगीत में चपलता अधिक होती है।

     शास्त्री संगीत में ताल परिष्कृत होती है।

     चित्रपट संगीत में आधे तालों का प्रयोग किया जाता है।

     शास्त्री संगीत में गहराई होती है।

     चित्रपट संगीत फिल्म आदि में प्रयोग होता है। 

     राग की प्रधानता होती है।

     गाने की प्रधानता होती है।

     शास्त्री संगीत में सुर,ताल आदि पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

     चित्रपट संगीत में मनोरंजन पर केन्द्रित होता है।


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चित्रपट संगीत के विकसित होने का क्या कारण है

चित्रपट संगीत की प्रसिद्धि के बहुत सारे कारण हैं। चित्रपट संगीत ने लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मनोरंजनना एवं सरलता को समझते हुए शास्त्रीय संगीत को एक नया रूप दे डाला। यही कारण है कि चित्रपट संगीत ज्यादा प्रसिद्ध हुआ और काफी विकसित होता रहा।


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