बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है 🤔 जानिए बसंत पंचमी का महत्व व वैज्ञानिक रहस्य

बसंत पंचमी क्यों 🤔 मनाई जाती है | Basant Panchami In Hindi - Happy Basant Panchami 2022 😍

वैसे तो हिंदू धर्म में समय-समय पर एक से एक रहस्यमय त्यौहार मनाए जाते हैं। जब बात करते हैं बसंत पंचमी की, तो बसंत पंचमी से पहले हमें बसंत ऋतु के बारे में जानना अभीष्ट है। 

यद्यपि बसंत पंचमी के दिन निखिल ब्रह्माण्ड की आदि शक्ति शब्दरूपिणी माँ सरस्वती की पूजा की जाती है। 

यही कारण है कि बसंत पंचमी का महत्व और अधिक बढ जाता है। सामान्यतः बसंत पंचमी हिंदू धर्म में एक अतिप्रसिद्ध व लोकप्रिय पर्व है जिसे भारत की चारों दिशाओं में अलग अलग रूप में मनाया जाता है। Happy Basant Panchami 2022 😍

पूरब से पश्चिम व उत्तर से दक्षिण तक बसंत पंचमी पर्व को अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है लेकिन रहस्यमय बात यह है कि बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है? 

यह बसंत ऋतु के अलावा किसी दूसरी ऋतु में क्यों नहीं मनाई जाती है? आखिर क्या कारण है कि ज्ञान की आदिशक्ति माँ सरस्वती की पूजा इसी बसंत पंचमी को होती है। 

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तो आइये, आज के इस दुर्लभ आर्टिकल में हम आपको- बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है (Basant Panchami In Hindi), बसंत पंचमी कब मनाई जाती है, बसंत पचंमी से जुडे रहस्य व शास्त्रों की रहस्यमयी बातें आपके साथ साझा कर रहे हैं। 

यदि आप भी ज्ञान, बुद्धि, मन, वाणी आदि की देवी माँ सरस्वती के प्रिय उत्सव बसंत पंचमी के विषय में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढिए।

बसंत पंचमी क्यों 🤔 मनाई जाती है | Basant Panchami In Hindi


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क्या है बसंत पंचमी ? Basant Panchami In Hindi

हिंदू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं से जुड़ी, सनातन काल से चली हुई परंपरा के अनुसार अनेकानेक प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं। 

इन्हीं त्यौहारों में एक अति विशिष्ट त्यौहार का नाम है- बसंत पंचमी। जैंसे कि नाम से प्रतीत होता है- बसंत पंचमी अर्थात बसंत ऋतु की पंचमी के दिन मनाया जाने वाला त्यौहार। 

जी हां, बसंत पंचमी बसंत ऋतु की पंचमी को मनाया जाता है। इसी कारण इसका नाम बसंत पंचमी है। बसंत ऋतु संभवत फरवरी मास में आती है। 

बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है- इसको समझने के लिए सबसे पहले हमें बसंत ऋतु का माहात्म्य एवं शास्त्रों की बातों को समझना होगा। तो आइए जानते हैं बसंत पंचमी का रहस्य एवं बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है- शास्त्रों की प्रामाणिक बातें। Happy Basant Panchami 2022 😍


बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है - Basant Panchami Kyon Manayi Jati Hai

प्राचीन सनातन धर्म के अनुसार छः ऋतुओं की परिकल्पना की गई है। भारत में संभवत इन छह ऋतुओं का समयानुसार आगमन होता है। 

इन सभी ऋतुओं में वसंत ऋतु अत्यधिक श्रेष्ठ मानी गई है। बसंत ऋतु का वैशिष्ट्य हिंदू धर्म के धर्मशास्त्र, पुराण, वेद एवं स्मृतिग्रंथ आदि में भी बताया गया है। Happy Basant Panchami 2022 😍

विश्व के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ श्रीमद भगवत गीता में भी भगवान श्री कृष्ण ने वसंत ऋतु की महत्ता अपने मुख से अर्जुन को बताई है। 

जब भगवान श्री कृष्ण अपना विश्वरूप दर्शन अर्जुन को कराते हैं तो 10 वें अध्याय में श्री कृष्ण जनार्दन ने वसंत ऋतु के विषय में कहा है-

मासानां मार्गशीर्षोsहं ऋतूनां कुसुमाकरः।।

बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्।। गीता 10/35


भावार्थ- श्री कृष्ण जनार्दन अपना विश्वरूप बतलाते हुए कहते हैं कि मासों में मैं मार्गशीर्ष मास हूँ एवं ऋतुओं में कुसुमाकर अर्थात वसंत ऋतु हूँ। छंदों में मैं गायत्री हूँ एवं साम (वेद) में मैं बृहत् साम हूँ। इस प्रकार यहां पर भगवान श्री कृष्ण ने अपने को बसंत ऋतु में समाहित किया है। अर्थात यह बसंत ऋतु साक्षात नारायण का प्रतिरूपक है। 


अयं वसन्त: सौमित्रे नाना विहग नन्दिता।


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इस प्रकार हिंदू धर्म के विभिन्न शास्त्रों में वसंत ऋतु का विशिष्टातिशिष्ट महत्व प्रतिपादित किया गया है। स्वयं भगवान कृष्ण अपने मुख से बसंत ऋतु का वर्णन करते हैं। 

प्रकृति का शृंगार है बसंत ऋतु

नव उर्जा की पुकार है- बसंत ऋतु

कृष्ण बाँसुरी का निनाद है- बसंत ऋतु

पुष्पों के विकसन की भरमार है- बसंत ऋतु।।


शस्य श्यामला धरा की झंकार है- बसंत ऋतु

कवियों की कविता कामिनी है- बसंत ऋतु

भगवान् वाल्मीकि की प्रिय है- बसंत ऋतु

सृष्टि के सर्जन की शुरुआत है- बसंत ऋतु।।


फूलों की फुलवार की प्रीति का पर्व है।

कुसुम पराग मधुप की पिपासा का स्रोत है।

पल्लव की मधुरित सुंगंध का वाहक है।

कोयल की कुहू का कलरव है- बसंत ऋतु।।


ज्ञान का आधार है, शब्द का ओंकार है।

आद्यन्तरहित ब्रह्माण्ड की शक्ति का संचार है।

प्रणत होंवे हम सदा बसंतशक्तिपद- तले

प्रणत,ध्यान, महान का आह्वान है- बसंत ऋतु।। (कविः- श्रीसंदीपकोठारिवर:)


बसंत ऋतु का माहात्म्य उपरोक्त काव्य पंक्तियों से स्पष्ट हो जाता है। ये पंक्तियाँ - वरदचरणान्तेवासी कवि /लेखक श्री संदीप कोठारी द्वारा गुंथित हैं। अमृतस्य पुत्राः वयम्- परमात्मा के पुत्र हम सभी  आज बसंत ऋतु के पावन पर्व में वीणानिनादिनी के चरणरज से निज अज्ञान तिमिर को दूर करें। 


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बसंत ऋतु में माँ सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। यदि आप बसंत पंचमी एवं माँ जगद्वन्दिनी ब्रह्मरूपिणी श्रीसरस्वती माँ से सम्बंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न की जिज्ञासा रखते हैं तो हमसे सम्पर्क कर सकते हैं। 

अपने घर परिवार में संगीतम कार्यक्रम अथवा महा पूजन, कर्मकाण्ड, सरस्वती पूजा आदि करवाने के लिए हमें व्हाटसप करें। धन्यवाद।


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