Paniniya Siksha - पाणिनीय शिक्षा | पाणिनीय शिक्षा- परिचय, श्लोक, प्रश्नोत्तरी, पुस्तक, PDF

Paniniya Siksha - पाणिनीय शिक्षा | पाणिनि व पाणिनीय शिक्षा- परिचय, श्लोक, प्रश्नोत्तरी, पुस्तक, PDF

नमः पाणिनये 🙏 व्याकरण भाषा का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। संस्कृत व्याकरण की परम्परा में पाणिनि का व्याकरण सर्वप्रसिद्ध है। पाणिनि को ही संस्कृत व्याकरण का जनक कहा जाता है। किसी भी भाषा के नियमों को समझने के लिए उसका व्याकरण समझना अत्यावश्यक होता है। 

भाषा और व्याकरण का बहुत गहरा सम्बन्ध है। जिस प्रकार पति-पत्नी का सम्बंध होता है। ठीक उसी प्रकार का सम्बंध भाषा व व्याकरण का भी होता है। यदि आपने हमारा भाषा व व्याकरण का गहरा सम्बन्ध वाला लेख नहीं पढा तो यंहा क्लिक करें- भाषा  व व्याकरण का पति-पत्नी जैंसा सम्बंध। 😍💚


प्रिय पाठकों,😍 संस्कृत व्याकरण को सरलता व जल्दी से समझने के लिए पाणिनीय शिक्षा (Paniniya Shiksha) एक गागर में सागर भर देने वाला ग्रंथ है।

पाणिनि शिक्षा में व्याकरण के विभिन्न महत्वपूर्ण अंगो की चर्चा बहुत सुन्दर पद्यों के साथ में प्रस्तुत की गयी है। प्यारे मित्रों, यंहा पाणिनीय शिक्षा से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर दिये गये हैं। 

साथ ही यदि आप पाणिनीय शिक्षा PDF (Paniniya Shiksha PDF) प्राप्त करना चाहते हैं तो उसका लिंक भी नीचे दिया गया है। तो आइये, शुरु करते हैं आज का विषय- पाणिनीय शिक्षा



पाणिनीय शिक्षा का महत्व- Paniniya Shiksha

पाणिनीय शिक्षा संस्कृत व्याकरण पर आधारित एक पद्यात्मक ग्रंथ है। पाणिनीय शिक्षा को वर्णोच्चारण शिक्षा के रूप में भी जाना जाता है। कहा जाता है। पाणिनीय शिक्षा के रचयिता पाणिनि हैं लेकिन इसमें विद्वानों का मतभेद भी है। 

सम्पूर्ण पाणिनीय शिक्षा में कुल 60 श्लोक हैं। पाणिनि के व्याकरण पर आधारित तथा सम्बंधित होने के कारण इसको पाणिनीय शिक्षा कहा जाता है। पाणिनीय शिक्षा का पहला श्लोक निम्न है।  

अथ शिक्षां प्रवक्ष्यामि पाणिनीयं मतं यथा। शास्त्रानुपूर्वं तद्विद्यात् यथोक्तं लोकवेदयोः।।

हिंदी अर्थ- अब पाणिनीय मतानुसार पाणिनीय शिक्षा का प्रवचन करेंगे। इस पाणिनीय शिक्षा को लोक व वेद में जैंसे शास्त्र लिखे गये हैं, उनका सारभूत समझें।


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पाणिनीय शिक्षा महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी (Paniniya Shiksha)

अधोलिखित सभी पाणिनीय शिक्षा पर आधारित प्रश्न विभिन्न संस्कृत प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यन्त उपयोगी हैं। जैंसे कि UGC NET Sanskrit, UPSC Sanskrit, B.ed Sanskrit, PhD Sanskrit आदि-आदि। 

प्यारे मित्रों, जैंसे कि आप सभी को पता होगा कि आपकी यह SanskritExam . काॅम वेबसाइट विभिन्न संस्कृत प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु तथा सनातन धर्म को डिजिटल तरीके से प्रतिपादन व प्रसारित करने हेतु समर्पित है। 

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नोट्स आदि के लिए इस वेबसाइट के मेनूबार में अवश्य पधारें। तो चलिए, शुरु करते हैं- पाणिनीय शिक्षा प्रश्नोत्तरी (Paniniya Shiksha)


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पाणिनीय शिक्षा महत्वपूर्ण प्रश्न- उत्तर

प्रश्न - पाणिनि के अनुसार स्वर कितने हैं?

उत्तर- पाणिनि के अनुसार संस्कृत वर्णमाला में स्वरों की संख्या 21 (इक्कीस) है। इसका उल्लेख पाणिनीय शिक्षा में किया गया है। स्वराः विंशतिः एकाश्च।


प्रश्न १- मन्द्रं स्वरं कः जनयति? (मन्द स्वर को कौन उत्पन्न करता है)

१- उरसि

२- कण्ठः

३- गायत्रम्

४- मारुतः

उत्तर- मारुतः


प्रश्न २- संगीतशास्त्रीयमध्यमस्वरः कस्मिन् स्वरे अन्तर्भवति? (संगीत का मध्यम स्वर किसमें अन्तर्निहित है)

१- उदात्ते

२- अनुदात्ते

३- स्वरिते

४- प्रचये

उत्तर- स्वरिते


प्रश्न ३- पाणिनीयशिक्षानुसारं कवर्गस्योच्चारणस्थानं किम्? (कवर्ग का उच्चारण स्थान क्या है)

१- कण्ठः

२- तालु

३- जिह्वा

४- जिह्वामूलीयः

उत्तर- जिह्वामूलीयः


प्रश्न ४- पाणिनीयशिक्षानुसारं मारुतं कः प्रेरयति? (पाणिनि शिक्षा अनुसार मारुत वायु का प्रेरक है)

१- आत्मा

२- मनः

३- बुद्धिः

४- कायाग्निः

उत्तर- कायाग्निः


प्रश्न ५- मूर्द्धनि रङ्गवर्णस्य कति मात्राः भवन्ति? (मूर्धा में रङ्गवर्ण की कितनी मात्रा होती है?

१- एकमात्र

२- द्विमात्रा

३- अर्धमात्रा

४- सपादमात्रा

उत्तर- अर्धमात्रा


प्रश्न ६- निम्नांकितेषु पाठकगुणेषु को न गण्यते? (निम्न में उत्तम पाठकों का गुण नहीं है)

१- अक्षरव्यक्तिः

२- लयसामर्थ्यम्

३- अल्पकण्ठः

४- पदच्छेदः

उत्तर- अल्पकण्ठः


प्रश्न ७- पाणिनीयशिक्षानुसारं जश् प्रत्याहारस्य बाह्यप्रयत्नः कः ? (जश् प्रत्याहार का बाह्य प्रयत्न क्या है)

१- नादः

२- श्वासः

३- ईषच्छ्वासः

४- ईषन्नादः

उत्तर- ईषन्नादः


प्रश्न ८- निहतो स्वरः कुत्रान्तर्भवति? (निहत स्वर किस उंगली में अन्तर्निहित है?

१- प्रदेशिन्याम्

२- मध्यतोsङ्गुल्याम्

३- उपकनिष्ठिक्याम्

४- कनिष्ठिक्याम्

उत्तर- कनिष्ठिक्याम्


प्रश्न ९- हविषाम् इति पदं कीदृशं विद्यात्? (हविषा इस पद में कैंसा स्वर है)

१- अन्तोदात्तम्

२- आद्युदात्तम्

३- द्व्युदात्तम्

४- मध्योदात्तम्

उत्तर- मध्योदात्तम्


प्रश्न १०- निम्नांकितेषुः कः वियोनिमधिगच्छति? (निम्न में से कौन निकृष्ट योनि को जाता है)

१- हस्तहीनं योsधीते

२- हस्तेन वेदं योsधीते

३- ऋग्यजुस्सामभिः पूतः

४- स्वरवर्णार्थसयुंतं योsधीते

उत्तर- हस्तहीनं‌ योsधीते


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प्रश्न ११- पाणिनीयशिक्षानुसारं चाषपक्षी कतिमात्रां वदते? (चाषपक्षी कितनी मात्रा बोलता है)

१- द्विमात्रम्

२- अर्धमात्रम्

३- त्रिमात्रम्

४- एकमात्रम्

उत्तर- एकमात्रम्


प्रश्न १२- हस्तप्रक्षेपदिशा स्वरितोच्चारणकाले हस्तः कुत्र निदध्यात्? (स्वरित स्वर दिखाने में हाथ कंहा होता है)

१- सर्वास्ये

२- हृदि

३- कर्णमूले

४- मूर्द्धनि


इस प्रश्न का उत्तर आपको देना है। नीचे कमेंट के माध्यम से इस प्रश्न का उत्तर दें। हमें उम्मीद है कि पाणिनीय शिक्षा पर आधारित आज का यह विषय आपको अवश्य पसंद आया होगा एवं आपको नया कुछ सीखने को मिला होगा। धन्यवादः। नमः पाणिनये 🙏

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