Happy Janmashtami In Hindi | Krishna Janmashtami Wishes In Sanskrit | जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है- महत्व, इतिहास, तिथि-मुहूर्त, उद्देश्य, शुभकामनाएँ

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जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं, ॐ श्रीकृष्णाय नमः। श्रीराधावल्लभाय नमः 🏵🌹💞❤

कन्हैया का नाम तो इस पूरी दुनिया में हर किसी ने सुना ही है। आखिर कौन इस दुनिया में ऐंसा होगा, जिसने राधा को लुभाने वाली कान्हा की बंसी की पुकार नहीं सुनी हो। 

जी हां, आज हम बात करने वाले हैं उन्हीं कन्हैया के जन्मदिन की। हैप्पी बर्थडे टू कृष्णा। Happy Janmashtami (श्रीकृष्णाय प्रिततमाय प्रभवे जन्मदिनशुभकामनाः) 😍💕💞🌺🌻🏵😍।  दोस्तों, हमारे भगवान श्री कृष्ण को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। जैंसे कि आप सभी को पता है- 


यह 2022 का साल चल रहा है और अगस्त का महीना भी जाने वाला है परन्तु जाने से पहले- एक बहुत खास त्यौहार (उत्सव) नजदीक आने वाला है, जिसका नाम है- श्री कृष्ण जन्माष्टमी। 


यह भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिन की कहानी है और आप लोग भी तो अपना जन्मदिन मनाते हैं ना. ऐंसे ही भगवान का भी जन्मदिन आने वाला है, तो हम सभी को क्यों ना भगवान के जन्मदिन के बारे में बहुत कुछ पता हो और होना भी चाहिए और भगवान कन्हैया के जन्मदिन को खूब धूमधाम से मनाना चाहिए। 😍❤


Happy Janmashtami In Hindi | Krishna Janmashtami Wishes In Sanskrit Images | जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है- महत्व, इतिहास, तिथि-मुहूर्त, उद्देश्य, शुभकामनाएँ


इसीलिए आज हम आप सभी को बताने वाले हैं भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन की कहानी। आज हम श्री कृष्ण जन्माष्टमी के विषय में- जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है- महत्व, इतिहास, समय, तिथि-मुहूर्त, उद्देश्य, शुभकामनाएँ, Krishna Janmashtami Wishes In Sanskrit इत्यादि बहुत सारी बातें जानेंगे और अपने कन्हैया को जन्मदिन की शुभकामनाएँ भी देंगे, 💞❤🌻 वो भी संस्कृत भाषा में- तो आइये!


भारत की नम्बर 1 एजुकेशनल धार्मिक यह SanskritExam. Con वेबसाइट विभिन्न हिंदू धर्म ग्रंथों के बारे में तथा हिंदू त्यौहारों के विषय में या फिर देवों की वाणी- संस्कृत, संबंधित जानकारी के लिए समर्पित है। यह जन्माष्टमी पर्व भी हमारी उस प्राचीन संस्कृत से ही जुड़ा हुआ है। तो क्यों ना आज हम श्री कृष्ण जन्माष्टमी के विषय में कुछ प्रेममय बातें आपके साथ साझा करें! तो आइये, दूर मत जाइये, कन्हैया का उत्सव मनाइये! जानिए कि जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है- महत्व, इतिहास, समय, तिथि-मुहूर्त, उद्देश्य, शुभकामनाएँ, Krishna Janmashtami Wishes In Sanskrit



श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्या है / Janmashtami Kya Hai

वैंसे तो यह कहने में थोड़ा अजीब सा लगता है कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्या है, क्योंकि हमें नहीं लगता आपमें से कोई भी ऐंसा हो जिसको कि भगवान श्री कृष्ण के बारे में कुछ भी पता न हो।श्रीकृष्ण के जीवन के बारे में अथवा कन्हैया की उन बाल लीलाओं के बारे में नन्हा-मुन्हा बच्चा भी जानता है। 💞



आपको याद होंगे बचपन के वो दिन जब कभी आपको भी शायद यह मौका मिला हो कि बचपन में कन्हैया की बाल लीलाओं को दूरदर्शन पर दिखाया जाता था और हम बड़े प्यार से, खुशी के साथ, उत्सुकता भरे मन से देखने के लिए जाया करते थे। यह उन्हीं कन्हैया का जन्मदिन- श्री कृष्ण जन्माष्टमी है, जब भगवान का जन्म हुआ था। तो चलिए, अब यह जानते हैं कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी शब्द का अर्थ क्या होता है। 

उसके बाद हम आपको जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है- महत्व, इतिहास, समय, तिथि-मुहूर्त, उद्देश्य, शुभकामनाएँ, Krishna Janmashtami Wishes In Sanskrit इत्यादि सारी बातें बता रहे हैं।


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जन्माष्टमी का अर्थ (Janmashtami Ka Arth)

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का अर्थ शब्द से ही स्पष्ट हो जाता है जन्म+ अष्टमी= जन्माष्टमी। अर्थात जन्मदिन की अष्टमी तिथि। यह एक संस्कृत निष्ठ शब्द है और आखिर क्यों ना हो! देवों की भाषा भी तो संस्कृत ही है। तो देवों का त्यौहार भी तो 🙏 संस्कृत से ही जुड़ा होगा न!

 


जन्माष्टमी शब्द कहने से केवल इतना बोध होता है कि अष्टमी को जिसका जन्म हुआ, लेकिन जब इसके आगे कन्हैया का श्रीकृष्ण नाम जोड़ देते हैं तो इसका अर्थ हो जाता है कि भगवान श्री कृष्ण कि अष्टमी तिथि , जिस दिन की उनका जन्म हुआ। इसी को हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में जाना जाता है और खूब धूमधाम से मनाया जाता है।



जन्माष्टमी संधि विच्छेद (Janmashtami Sandhi Vichched) 

जन्माष्टमी शब्द को तो हमने समझ लिया क्योंकि हमारी यह वेबसाइट संस्कृत एवं हिंदू धर्म के लिए समर्पित है तो थोड़ा सा जन्माष्टमी शब्द में कौन सी संधि है इसके बारे में भी जान लेते हैं। जन्म + अष्टमी = जन्माष्टमी। 


यहां पर दीर्घ संधि है। दोनों अ मिलकर दीर्घ आ हो जाते हैं। शायद भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं भी इसीलिए बहुत दीर्घ (लम्बी) हैं। 😘😃❤ तो चलिए, अब जानते हैं कन्हैया का जन्मदिन अर्थात कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है।



जन्माष्टमी क्यों मनायी जाती है / Janmashtami Kyon Manaya Jata Hai

अपना जन्मदिन तो हर कोई मनाता ही है तो फिर क्यों ना भगवान का भी जन्मदिन मनाया जाए। यह बहुत ही गर्व की बात है। यही हमारे हिंदू धर्म में प्राचीन काल से चलता रहा है। हमें इस पर गर्व करना चाहिए कि हम अपनी संस्कृति एवं अपनी परंपराओं का बहुत सम्मान करते हैं। 


यही कारण है कि आज हम अपने प्यारे ❤ भगवान श्री कन्हैया का जन्मदिन बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह सवाल ही कुछ अजीब सा है कि जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं- जिस प्रकार हिंदू धर्म में रामनवमी, विजयदशमी, गंगा दशहरा, शिवरात्रि आदि पर्व मनाये जाते हैं कि ठीक उसी प्रकार से हमारे प्यारे कन्हैया जी का जन्मदिन भी  मनाया जाता है। उनको बधाइयां तो देनी ही हैं क्योंकि उन्हीं कन्हैया ने अपनी गीता में जन्म के विषय में एक बात यह भी कही है कि 

जातस्य हि ध्रुवो मृत्युः ध्रुवं जन्म मृतस्य च।

तस्मादपरिहार्येर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि।। (गीता- २)


अर्थात कन्हैया अपने सखा अर्जुन से कहते हैं कि संसार में जिस किसी का भी जन्म हुआ; उसका मरण भी होता है। इसीलिए हमें इस विषय में चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि हमें हँसी- खुशी 👩‍❤️‍👩💕 से रहना चाहिए। हँसी - खुशी से जीना चाहिए और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। 


यही भगवान का संदेश है तो इसी हंसी खुशी के साथ भगवान कन्हैया के इन श्लोकों को हृदय में रख कर, क्यों ना हम भी भगवान कन्हैया के जन्मदिन को धूमधाम से मनाएं। तो चलिए, हम अपने विषय को आगे बढ़ाते हैं। 

अब हम जानेंगे कि कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाती है। आइये, जानिए कि जन्माष्टमी कब मनाई जाती है- महत्व, इतिहास, समय, तिथि-मुहूर्त, उद्देश्य क्या है, शुभकामनाएँ, Krishna Janmashtami Wishes In Sanskrit इत्यादि।



कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाती है (Janmashtami Kab Manai Jati Hai)

माखन चोर, मुरली वाले, भगवान कन्हैया का जन्मदिन भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कहा जाता है कि भाद्रपद मास की अष्टमी की रात को ही रोहिणी नक्षत्र के चलते भरी बरसात में 🌧 भगवान कन्हैया का जन्म हुआ था।


कन्हैया की लीलाओं को देख कर के मन बड़ा प्रसन्न हो जाता है। धन्य हैं हमारे भगवान, 😍🙏, जिन्होंने इस तरह हम पर कृपा करके हमें बहुत कुछ सिखा दिया। इस प्रकार हम कहेंगे कि कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को प्रति वर्ष मनाई जाती है। अंग्रेजी दिनांक के अनुसार यह अष्टमी तिथि आगे-पीछे होती रहती है। जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है, जन्माष्टमी कब मनाई जाती है- यह तो आपने जान लिया‌। 


अब हम आपको Krishna Janmashtami Wishes In Sanskrit, Happy Janmashtami In Hindi & Sanskrit, Lines on Janmashtami in Sanskrit, Jai Shree Krishna in Sanskrit, Janmashtami Images in Sanskrit, Janmashtami Stotram, About Krishna Janmashtami in Sanskrit अर्थात् संस्कृत में कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ कैसे दें- इसका तरीका बता रहे हैं। आइये, जानते हैं- 


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जन्माष्टमी शुभकामनाएं- Happy Janmashtami In Hindi, Janmashtami Wishes Sanskrit

चलिए,अब आप और हम सब मिलकर के भगवान कन्हैया को बधाइयां देते हैं। भगवान कन्हैया को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। ❤💕 माखन चोर मुरली वाले, रास रचाने वाले, यशोदा के लाला, ब्रज के नंदलाला- हे कन्हैया! तुम्हें जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं।


प्यारे दोस्तों, इसी के साथ भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन पर हम अपनी संस्कृति एवं संस्कृत दोनों का खूब सम्मान करें। 🙏 तो चलिए, अब देवों‌ की वाणी- संस्कृत में भगवान श्रीकृष्ण को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हैं।


Janmashtami Wishes In Sanskrit 

संस्कृत में जन्माष्टमी की बधाई

"नन्दनन्दनाय गोपीजनवल्लभाय राधिकारसिकाय ब्रजजनरंजनाय देवकीसुताय श्रीकृष्णाय जन्मदिनस्य नैकाः शुभकामनाः।"

(हिंदी- नंदनंदन, गोपीजनवल्लभ, राधिकारसिक, ब्रज जनों को आनंदित करने वाले, देवकी नंदन- भगवान श्रीकृष्ण को जन्मदिन की अनन्त शुभकामनाएँ) ❤❤😍😍


संस्कृत- भवद्भ्यः भवतीभ्यः सर्वेभ्यश्चापि भगवतो माधवस्य जन्मदिवसस्य हार्दिक्यः शुभकामनाः 

(हिंदी- आप सभी को भी भगवान माधवरूप श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (जन्मदिन) की हार्दिक शुभकामनाएँ) 💕💖


प्यारे दोस्तों , आप सभी को सपरिवार भगवान श्रीकृष्ण नंदनंदन, कृष्ण चंद्र ठाकुर जी के इस परम पावन दिन- कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। अब यंहा हमारे प्रिय दर्शकों ने जन्माष्टमी के विषय में हमसे कुछ प्रश्न पूछे थे, जिनका प्रश्न सहित उत्तर नीचे दिया गया है। आप इन सभी प्रश्नों को जरूर देखें क्योंकि ये भगवान श्री कृष्ण के जन्म अर्थात जन्माष्टमी से संबंधित है। 


जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है, जन्माष्टमी कब मनाई जाती है, जन्माष्टमी का महत्व, इतिहास, उद्देश्य, व्रतविधि, समय,तिथि, मुहूर्त एवं Krishna Janmashtami Wishes In Sanskrit, Happy Janmashtami In Hindi & Sanskrit इत्यादि जन्माष्टमी से जुड़ी विभिन्न प्रकार की जानकारी यहाँ दी गयी। 

अब यहाँ हम जन्माष्टमी व्रत से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल जवाब प्रस्तुत कर रहे हैं, जो हमारे दर्शकों द्वारा पूछे गये हैं। यदि आपका भी कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट बाॅक्स में पूछ सकते हैं।



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01- रक्षाबंधन के बाद राखी को कब उतारना चाहिए रक्षाबंधन के बाद राखी को जन्माष्टमी वाले दिन ही उतारना उचित होता है?

हमारी प्रियदर्शिका जी के द्वारा पूछा गया यह प्रश्न बहुत खास ❤ है। आप सभी को बता दें कि रक्षाबंधन के बाद राखी को जन्माष्टमी के दिन भी उतार सकते हैं या फिर उसके बाद भी किसी अच्छे दिन में राखी को उतारा जा सकता है‌। 

जन्माष्टमी के दिन भी राखी को उतारना उचित है या आप अपनी इच्छा अनुसार किसी दूसरे दिन भी राखी को उतार सकते हैं जिस दिन अच्छा मुहूर्त वह अच्छी तिथि हो।


02- जन्माष्टमी के दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं?

भगवान कन्हैया के इस परम पवित्र जन्माष्टमी के दिन कन्हैया की खूब पूजा करनी चाहिए। उनको और उनकी वल्लभा श्री राधा ❤ जी को खूब सुंदर सुंदर भोग लगाने चाहिए उनकी भक्ति करनी चाहिए।

क्या करना चाहिए? 🤔

  • अच्छा-अच्छा भोग लगाना चाहिए। 
  • भगवान के लिए व्रत रखना चाहिए।
  • कान्हा की प्रिया राधा जी का जरूर स्मरण करना चाहिए।
  • अपनी श्रद्धा अनुसार जितना भी हो कन्हैया का पूजन करना चाहिए।


क्या नहीं करना चाहिए? 🤔 

  • गलत कार्य नहीं करने चाहिए।
  • शराब पान आदि नहीं करना चाहिए।
  • अपशब्द नहीं बोलनी चाहिए।
  • किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए।



03- जन्माष्टमी कैसी होती है?

जन्माष्टमी बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। यह बहुत पवित्रतम होती है एवं हिंदू धर्म में पवित्र उत्सव के रूप में मनाई जाती है। क्योंकि यह भगवान श्री कृष्ण का पावन जन्म दिवस है, जो कि हमारे प्राचीन हिंदू धर्म में अमरता को प्राप्त किया है।



04- जन्माष्टमी कैसे मनाना चाहिए?

मनीषा झा जी ने यह प्रश्न पूछा है। आपको बता दें कि जन्माष्टमी को खूब प्रेम 💕 व भक्ति से मनाना चाहिए। पवित्र होकर के भगवान का भजन करना चाहिए। भगवान के खूब सुंदर सुंदर प्यारे भजनों का गुणगान करना चाहिए। 

भगवान को अत्यंत प्रसन्न करके साथ ही उनकी ❤ प्रिया राधा जी का भी स्मरण जरूर करना चाहिए इसके अतिरिक्त अपनी श्रद्धा अनुसार भगवान श्री कृष्ण का विधि विधान से पूजन किया जा सकता है और उनकी कथाओं का श्रवण भी जरूर करें।

  • राधा कृष्ण की पूजा करें। 🙏
  • भगवान को मक्खन का भोग लगाएं। 🍉🍁🍑
  • भगवान का पवित्र श्रृंगार करें। 🎉🎁
  • भगवान की विधि विधान से पूजा करें आदि। 


05- जन्माष्टमी को कैसे सजाएं?

जन्माष्टमी को सजाने के लिए सुंदर सुंदर वस्तुओं 🌺 का प्रयोग करें। बाजार से भगवान की प्रिय वस्तुओं को घर पर लाएं और उनसे घर को सजाएं। जन्माष्टमी के दिन घर की सजावट के लिए कुछ इस प्रकार से घर को एक सुंदर से वातावरण के साथ सजाया जा सकता है।

  • घर को 🏘 भगवान श्री कृष्ण की फोटो से सजाएं।
  • घर को खूब साफ सुथरा एवं पवित्र बनाएं।
  • भगवान कृष्ण के भजन लगाएं।
  • राधा ❤ कृष्ण दोनों का अच्छे ढंग से श्रृंगार करें।
  • भगवान के आगे पवित्र  भोग से सुन्दर सजावट करें।


05- दिवाली की तरह श्री राम नवमी और श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर घरों और मन्दिरों पर दीप माला क्यों नहीँ होती?

दिवाली की तरह श्री राम नवमी और श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर घरों और मंदिरों पर दीपमाला इसलिए नहीं जलाई जाती है क्योंकि इस त्योहार का अपना एक अलग स्वरूप है। भगवान कन्हैया का उत्सव रात्रि के समय में बड़े हर्ष और प्रेम के साथ में मनाया जाता है। ऐंसा नहीं है कि इस दिन दीप नहीं जलाए जाते हैं। दीपमाला नहीं जगमगाती है। 

जगमगाती हैं, लेकिन जिस तरह दिवाली के दिन दीपों की भरमार होती है। उस तरह कृष्ण जन्माष्टमी को नहीं। दिवाली का अर्थ ही यह होता है- दीपों की माला या आवली (पंक्ति), लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी एक अलग प्रकार का त्यौहार है जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। इसको बड़े हर्ष, आनन्द, प्रेम व भक्ति के साथ मनाया जाता है।


06- जन्माष्टमी का उत्सव देखना है

किसी ने कहा कि जन्माष्टमी का उत्सव देखना है अगर आप जन्माष्टमी जैंसे परम पवित्र त्यौहार का उत्सव देखना चाहते हैं तो इसके लिए जन्माष्टमी के दिन सुबह से ही लाइव जन्माष्टमी के कार्यक्रम देख सकते हैं। आजकल यूट्यूब, फेसबुक आदि विभिन्न सोशल प्लेटफॉर्म पर जन्माष्टमी का उत्सव बड़ी शांति व प्रेम के साथ घर पर ही देखा जा सकता है। 

यदि आपको यह उत्सव स्वयं भगवान के पास जाकर देखना है तो इसके लिए आप भगवान कन्हैया के मंदिरों में जा सकते हैं। जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के मंदिरों में बहुत धूमधाम, पवित्र रूप से व प्रेम पूर्वक यह उत्सव मनाया जाता है।


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प्रिय पाठकों, आज के इस आर्टिकल में जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है, जन्माष्टमी का महत्व, इतिहास, समय, तिथि-मुहूर्त, उद्देश्य, जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ हिंदी व संस्कृत में, Happy Janmashtami In Hindi & Sanskrit, Lines on Janmashtami in Sanskrit, Jai Shree Krishna in Sanskrit, Janmashtami Images in Sanskrit, Janmashtami Stotram 


About Krishna Janmashtami in Sanskrit जन्माष्टमी एवं जन्माष्टमी व्रत से जुड़ी इत्यादि महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी। यदि आपका कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं। विभिन्न धार्मिक रहस्य, त्यौहार, व्रत की विधि, पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, ज्योतिष, राशिफल इत्यादि जानने के लिए इस वेबसाइट के मेनूबार या होमपेज में जाएं।


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2 Comments

  1. जय श्रीकृष्ण 🙏 मान्याः भगवता श्रीकृष्णेन यथा स्वलीलाभिः जगति लालित्यशिक्षणं विहितं तथैव महाभारतयुद्धे गीतोपदेशेन विधर्मिणां मर्दनार्थमपि प्रेरणा प्रदत्ता ।

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  2. बहु समीचीनम् कार्यं करोति भवान् 👏🙏

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