क्या आप भी रुद्राभिषेक करने की सोच रहे हैं, क्या आप जानते हैं कि रुद्राभिषेक कब करना चाहिए, रुद्राभिषेक करने का सही समय क्या होता है तो चिंता न कीजिए। आपके सभी सवालों का जवाब यहां दिया जा रहा है।
जी हां, यदि आप 2023 में रुद्राभिषेक करने का सही मुहूर्त एवं समय जानना चाहते हैं तो इसके बारे में पूरी जानकारी इस आर्टिकल में दी जा रही है।
रुद्राभिषेक करने का सही समय क्या होता है आमतौर पर रुद्राभिषेक कब करना चाहिए, क्या सावन के महीने ही रुद्राभिषेक किया जाता है- इत्यादि रुद्राभिषेक से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी यहां दी जा रही है तो आइए, बिना किसी विलंब के रुद्राभिषेक से जुड़ी इस महत्वपूर्ण जानकारी को जानते हैं। Rudrabhishek Kab Karna Chahiye, Time & Muhurta
रुद्राभिषेक कब करना चाहिए
आमतौर पर सावन के महीने में रुद्राभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है इसके अलावा शिवरात्रि के दिन विशेष मनोकामना की रुद्राभिषेक जरूर करना चाहिए रुद्राभिषेक का मुहूर्त कार्तिक मास में एवम मार्च के महीने में भी विशेष तौर पर होता है. सामान्यतः सोमवार की रुद्राभिषेक करना चाहिए।
इसके अलावा जब आप किसी विशेष इच्छा के लिए बहुत बड़ा रुद्राभिषेक अनुष्ठान करवाते हैं तो ऐसे में आपको विशेष दिन एवं मुहूर्त निकालने की जरुरत पड़ सकती है।
इसके अलावा महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको यह जानना जरुरी है कि रुद्राभिषेक कब नहीं करना चाहिए- जिसकी जानकारी आगे दी जा रही है। आइये, जानते हैं कि इस साल 2023 में रुद्राभिषेक करने की तिथियाँ व शुभ मुहूर्त कब है? - Rudrabhishek Kab Karna Chahiye 2023
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रुद्राभिषेक करने की तिथियां 2022-23 / शुभ मुहूर्त
यदि आप सोच रहे हैं कि 2023 यानी इस वर्ष रुद्राभिषेक कब करवाना चाहिए, रुद्राभिषेक का मुहूर्त कब है तो हम आपको बता दें कि इस वर्ष 2023 में आप जनवरी महीने से लेकर मार्च महीने के भीतर किसी भी सोमवार को रुद्राभिषेक करवा सकते हैं।
इस साल 2023 में रुद्राभिषेक के सबसे अच्छे मुहूर्त वाले दिन की बात करें तो कार्तिक मास यानी अक्टूबर या नवंबर में रुद्राभिषेक का सबसे अच्छा दिन एवं महीना है. 2023 में 23 अक्टूबर से लेकर 26 नवंबर के बीच रुद्राभिषेक का सबसे उत्तम मुहूर्त है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि आप केवल इसी महीने में रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
इसके अलावा भी आप कभी भी किसी भी महीने में सोमवार के दिन सामान्य लघु रुद्र अनुष्ठान अथवा अति लघु रुद्राभिषेक भी करवा सकते हैं।
कार्तिक मास में विशेष प्रकार का महारुद्र अनुष्ठान या कोई बहुत बड़ा रुद्राभिषेक संबंधित आयोजन करना विशेष अभीष्ट है। सबसे महत्वपूर्ण बात कि रुद्राभिषेक कब नहीं करना चाहिए। आइये जानते हैं कि Rudrabhishek Kab Nahi Karna Chahiye
रुद्राभिषेक कब नहीं करना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र एवं रुद्र संहिता के अनुसार कुछ परिस्थितियों में अथवा कुछ विशेष तिथियों में रुद्राभिषेक करना बिल्कुल वर्जित माना जाता है। यह विशेष तिथियां हैं- कृष्ण पक्ष की सप्तमी, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी एवं पूर्णिमा।
इसके अलावा रुद्र आचार संहिता के अनुसार शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा एवं अष्टमी तिथि के दिन भी रूद्र अनुष्ठान यानी Rudrabhishek नहीं करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन ही भगवान शंकर महाकाल के रूप में समाधि में लीन रहते हैं।
अतः रुद्राभिषेक करना उनकी समाधि से उनको जगाने जैसा होता है। ऐसे में रुद्राभिषेक का फल प्राप्त होना भी मुश्किल है।
रुद्राभिषेक कब कब कराया जाता है?
आमतौर पर रुद्राभिषेक 12 महीनों में से हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने में या शिवरात्रि के दिन अथवा किसी भी सोमवार के दिन करना विशेष फलदाई माना जाता है।
आइये, जानते हैं कि रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है, इसके क्या लाभ होते हैं यानी Rudrabhishek करने से क्या क्या फायदे होते हैं।
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रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है
भगवान शंकर की असीम कृपा प्राप्त के लिए रुद्राभिषेक एक विशेष प्रकार का अनुष्ठान माना जाता है जो लोग भगवान शिव की भक्त होते हैं. उनको रुद्राभिषेक जरूर करना चाहिए.
रुद्राभिषेक विभिन्न प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए भी किया जाता है।
कुंडली में शनि ग्रह का दोष, राहु दोष, अंगारक दोष, मांगलिक दोष, प्रेत बाधा, भूत बाधा, नजर दोष इत्यादि को दूर करने के लिए भोलेनाथ शंकर का रुद्राभिषेक करना विशेष प्रभावी व चमत्कारी माना जाता है।
रुद्राभिषेक कराने में कितना खर्च आता है?
रुद्राभिषेक में खर्चे को लेकर अलग-अलग पैरामीटर हैं। सामान्य रुद्राभिषेक में 2000 से लेकर 5000 तक का खर्चा आना सामान्य बात है।
इसके अलावा विशेष प्रकार का पारिवारिक या सामूहिक रुद्राभिषेक करवाने में लगभग 10 से 15000 तक का खर्चा आ सकता है। त्रिदिवसीय रुद्र अनुष्ठान एवं रुद्राभिषेक करवाने में लगभग 20 से 25000 तक का खर्चा आना आजकल के हिसाब से बिल्कुल नॉर्मल है।
इसके अलावा आजकल ऐसे बड़े-बड़े रूद्र अनुष्ठान या रुद्राभिषेक भी किए जाते हैं, जिनका खर्चा 50000 से लेकर 10,0000 या उससे भी अधिक होता है.
यदि कोई व्यक्ति शिव महापुराण सहित रुद्राभिषेक करवाना चाहे तो उसके लिए लगभग 2 लाख से लेकर ५ लाख तक का खर्चा हो सकता है।
[ यदि आप उत्तराखण्ड बद्रीनाथ धाम के श्रेष्ठ आचार्यों द्वारा रुद्राभिषेक, अति रूद्र अनुष्ठान, लघु रूद्र अनुष्ठान अथवा महारुद्र अनुष्ठान या शिवपुराण आदि किसी भी प्रकार का आयोजन करवाने के इच्छुक हैं तो अपने कम से कम बजट के अनुसार करवा सकते हैं। इसके लिए आप हमें मैसेज कर सकते हैं- Message Us
प्रिय पाठकों, आज के इस आर्टिकल में रुद्राभिषेक कब करना चाहिए, रुद्राभिषेक का मुहूर्त कब है, 2022-23 में रुद्राभिषेक करने की तिथियां, रुद्राभिषेक करने का शुभ मुहूर्त, सावन में रुद्राभिषेक कब करना चाहिए इत्यादि रुद्राभिषेक अनुष्ठान से जुड़ी विभिन्न प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
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