व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत PDF Download, Venkatesh Stotra Sanskrit Text PDF, Vyankatesh Stotra PDF
व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत - यह एक प्राचीन और प्रसिद्ध स्तोत्र है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है। इस Article में हम आपको व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत PDF प्रदान कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ वेंकटेश स्तोत्र का महत्व, वेंकटेश स्तोत्र के लाभ तथा पाठ विधि के बारे में भी बताया जा रहा है। व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत PDF (Vyankatesh Stotra PDF)नीचे दिया गया है।
व्यंकटेश स्तोत्र का परिचय
व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत में लिखा गया है। यह स्तोत्र आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है और इसका प्रतिदिन पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इसमें विष्णु की गुणगान, स्तुति, और आराधना की गई है। यह स्तोत्र समस्त दुःखों को दूर करने और जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है।
हालांकि, व्यंकटेश स्तोत्र भी अनेक प्रकार के हैं। इन सभी में वामन पुराण के अन्तर्गत वेंकटेश स्तोत्र तथा जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित व्यंकटेश स्तोत्र विशेष प्रसिद्ध हैं। यदि आप हिंदी अर्थ सहित व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत PDF डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे उसका लिंक दिया गया है।
व्यंकटेश स्तोत्र के लाभ | व्यंकटेश स्तोत्र फायदे
- मानसिक शांति
व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत का पाठ करने से मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है। यह व्यंकटेश स्तोत्र का विशेष फायदा है।
- धन समृद्धि
इस स्तोत्र के पाठ से धन समृद्धि की प्राप्ति होती है और आर्थिक संकटों का समाधान होता है।
- आरोग्य की वृद्धि
व्यंकटेश स्तोत्र का पाठ करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहा जाता है।
- परिवारिक सुख
इस स्तोत्र का पाठ करने से परिवारिक संबंधों में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार की समृद्धि होती है। Vyankatesh Stotra PDF, व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत PDF नीचे दिया गया है।
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व्यंकटेश स्तोत्र पाठ करने का मुहूर्त व तिथि
व्यंकटेश स्तोत्र को विशेष तिथियों पर पाठ करने का विशेष महत्व होता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण तिथियां हैं। जब व्यंकटेश स्तोत्र का पाठ किया जाता है। व्यंकटेश स्तोत्र पारायण कसे करावे और कब करना चाहिए, यहाँ जानिए नियम।
- पूर्णिमा
पूर्णिमा के दिन व्यंकटेश स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ होता है।
- एकादशी
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्यंकटेश स्तोत्र का पाठ करने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
- प्रतिपदा
प्रतिपदा के दिन भी व्यंकटेश स्तोत्र का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत श्लोक अर्थ सहित
Vyankatesh Stotra Sanskrit with meaning
श्लोक क्रमांक | संस्कृत श्लोक |
---|---|
१ | कमलाकुचचूचुक कुङ्कुमतो नियतारुणितातुलनीलतनो । कमलायतलोचन लोकपते विजयी भव वेङ्कटशैलपते ॥ १॥ |
२ | सचतुर्मुखषण्मुखपंचमुखप्रमुखाखिलदैवतमौलिमणे । शरणागतवत्सल सारनिधे परिपालय मां वृषशैलपते ॥ २॥ |
३ | अतिवेलतया तव दुर्विषहै रनुवेलकृतैरपराधशतै। भरितं त्वरितं वृषशैलपते परया कृपया परिपाहि हरे ॥ ३॥ |
४ | अधिवेङ्कटशैलमुदारमतेजनताभिमताधिकदानरतात् । परदेवतया गदितान्निगमैः कमलादयितान्न परं कलये ॥ ४॥ |
५ | कलवेणुरवावशगोपवधू शतकोटिवृतात्स्मरकोटिसमात् । प्रतिपल्लविकाभिमतात्सुखदात् वसुदेवसुतान्न परं कलये ॥ ५॥ |
६ | अभिरामगुणाकर दाशरथे जगदेकधनुर्धर धीरमते । रघुनायक राम रमेश विभो वरदो भव देव दयाजलधे ॥ ६॥ |
७ | अवनीतनयाकमनीयकरं रजनीकरचारुमुखाम्बुरुहम् । रजनीचरराजतमोमिहिरं महनीयमहं रघुराममये ॥ ७॥ |
८ | सुमुखं सुहृदं सुलभं सुखदं स्वनुजं च सुकायममोघशरम् । अपहाय रघूद्वहमन्यमहं न कथञ्चन कञ्चन जातु भजे ॥ ८॥ |
९ | विना वेङ्कटेशं न नाथो न नाथः सदा वेङ्कटेशं स्मरामि स्मरामि । हरे वेङ्कटेश !प्रसीद प्रसीद प्रियं वेङ्कटेश प्रयच्छ प्रयच्छ ॥ ९॥ |
१० | अहं दूरतस्ते पदाम्भोजयुग्मप्रणामेच्छयाऽऽगत्य सेवां करोमि । सकृत्सेवया नित्यसेवाफलं त्वं प्रयच्छ प्रयच्छ प्रभो वेङ्कटेश ॥ १०॥ |
११ | अज्ञानिना मया दोषानशेषान् विहितान् हरे । क्षमस्व त्वं क्षमस्व त्वं शेषशैलशिखामणे ॥ ११॥ |
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व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत PDF | Vyankatesh Stotra PDF
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Venkatesh stotra Sanskrit में पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। आप चाहें तो Venkatesh Stotra sanskrit MP3 download कर सकते हैं। Venkatesh stotra Sanskrit Text ऊपर दिया जा चुका है।
Vyankatesh Stotra Sanskrit PDF
व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत PDF निष्कर्ष
दोस्तों, इस लेख में व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत PDF प्रदान किया गया है। व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत यह एक अत्यंत प्राचीन स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की महिमा और महत्त्व को वर्णित करता है।
इसका पाठ करने से भक्त को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है और उसका जीवन समृद्धि से परिपूर्ण होता है। व्यंकटेश स्तोत्र संस्कृत के महत्व को समझकर लोग इसे नियमित रूप से पाठ करते हैं और अपने जीवन में सुख और समृद्धि का आनंद लेते हैं।
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